खाने योग्य फूलों की रहस्यमयी दुनिया: सिर्फ सजावट नहीं! | My Kitchen Diary

खाने योग्य फूल: सिर्फ गार्निशिंग से कहीं ज्यादा!

देखो बात सीधी सी है फूल सिर्फ सजावट के लिए नहीं होते, कुछ फूल ऐसे भी होते हैं जो सीधा थाली में आ सकते हैं। हाँ हाँ, मज़ाक नहीं कर रहा, खाने वाले फूल। ये फूल ना सिर्फ दिखने में सुंदर होते हैं, बल्कि इनके अंदर सेहत के लिए खज़ाना छुपा होता है। मतलब, सुंदर भी और काम के भी जैसे दादी के पुराने डिब्बे में रखी सौंफ। अब जब खाना बनता है ना, तो हम लोग अकसर सोचते हैं कुछ नया हो, कुछ हटके। ऐसे में ये खाने वाले फूल बिल्कुल वैसा ही तड़का लगा देते हैं जैसे गरम दाल में घी की बूंदें। स्वाद में हल्की मिठास, कभी हल्की कसैलापन, कभी नींबू जैसी खुशबू हर फूल की अपनी ही दुनिया होती है। और ये फूल कोई आज की खोज नहीं हैं, हमारे पुराने खाने-पीने में इनका जिक्र आता रहा है। कभी परांठे में भर के, कभी चटनी में पीस के, कभी बस थाली की शोभा बढ़ा के। और आजकल तो लोग इनसे बर्फी बना रहे हैं, चाय बना रहे हैं, यहां तक कि कुल्फी में भी डाल रहे हैं। जब किसी फूल को देखो, तो बस ये मत सोचो कि अरे कितना सुंदर है, थोड़ा सोचो कि कहीं ये प्लेट में भी तो आ सकता है?


1. खाने योग्य फूल और उनके पोषण लाभ

अब बात ये है कि जो फूल हम अब तक सिर्फ़ सजावट के लिए समझते थे ना, असल में वो थाली में आने लायक होते हैं। और ऐसा मज़ाक में नहीं कह रहा, बिल्कुल सच में। ये जो खाने वाले फूल होते हैं, इनमें ना जाने कितनी तरह की अच्छाइयाँ छुपी होती हैं जैसे पुराने ज़माने की रसोई, जहां हर चीज़ में कोई न कोई औषधि होती थी। ये फूल स्वाद में भी खास होते हैं, और तन-मन दोनों के लिए बढ़िया। ना सिर्फ़ रंग लाते हैं खाने में, बल्कि वो अंदर की ताक़त भी देते हैं जो आजकल की भागदौड़ में सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। अब थोड़ा-थोड़ा करके जान लेते हैं कौन-सा फूल क्या-क्या कमाल करता है 

गुलाब अब देखो, गुलाब को तो सब जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसमें बहुत ज़्यादा मात्रा में वो तत्व होता है जो हमारे चेहरे को दमकाता है और शरीर की भीतर की लड़ने की ताक़त बढ़ाता है। इसे पीने से, चेहरे पर लगाने से और यहाँ तक कि खाने से भी फ़ायदा होता है। गुलाब की पंखुड़ियों की चाय हो या उसका शरबत, दोनों ही शरीर को ठंडक देते हैं और मन को भी शांति मिलती है। गेंदा ये वही फूल है जो अक्सर त्यौहारों में माला में बंधा मिलता है, लेकिन इसके गुण भी किसी औषधि से कम नहीं। गेंदा पेट की सफ़ाई करता है, पाचन क्रिया को मज़बूत करता है और शरीर की सूजन को कम करता है। मतलब, अंदरूनी सफ़ाई वाला फूल है ये। लैवेंडर अब ये फूल अपने आप में शांति का प्रतीक है। इसकी खुशबू ही इतनी मीठी होती है कि मन शांत हो जाता है। अगर थकावट ज़्यादा हो या नींद ना आ रही हो, तो इसकी चाय बना लो या इसकी पत्तियाँ तकिये के नीचे रख लो, नींद मीठी आएगी। तनाव कम करेगा और मन को हल्का बनाए रखेगा। हिबिस्कस अब ये फूल थोड़ा अलग है, गहरा लाल या गुलाबी रंग लिए होता है। ये हमारे रक्तचाप को संतुलित करता है और वजन कम करने में भी मदद करता है। इसमें रेशा ज़्यादा होता है जो पेट को साफ़ रखता है और शरीर की गंदगी बाहर निकालता है। इसकी चाय पीने से शरीर ठंडा रहता है और मन भी स्थिर। नीलकमल ये नीले रंग का छोटा-सा फूल बहुत बड़ा असर करता है। ये दिमाग़ को तेज़ करता है, सोचने-समझने की ताक़त बढ़ाता है और शरीर की रक्षा करने वाले हिस्से को मज़बूत करता है। इसकी चाय पीने से मन हल्का हो जाता है और शरीर को ताज़गी मिलती है।

खाने योग्य फूल


2. मुख्य व्यंजनों में फूलों का उपयोग

अब देखो, फूलों की बात तो हो ही रही थी, तो क्यों न थोड़ा खाना भी याद कर लिया जाए? फूल सिर्फ़ मिठास और खुशबू के लिए नहीं होते, कुछ फूल तो ऐसे होते हैं कि सीधा थाली में उतर जाते हैं  और इतना स्वाद लेकर आते हैं कि खाने का मन कहे, अरे भाई, और थोड़ा डालो ना! हाँ, थोड़ा हँसने लायक बात है पर सच में ऐसा होता है।अब बात करते हैं उन कुछ अनोखी थालियों की जहाँ फूलों ने भी अपनी जगह बना ली है, और वो भी पूरे रुतबे से।

गुलाब और पान की तरी सुनने में थोड़ा अजीब लगे, पर जब गुलाब की पंखुड़ियाँ मसालेदार तरी में मिलती हैं, तो ऐसा लगता है जैसे हल्के गुलाबी रंग की मिठास तीखे मसालों से हाथ मिला रही हो। स्वाद में तो नया ट्विस्ट आता ही है, पर असल में ये पंखुड़ियाँ शरीर की गर्मी को कम करती हैं, और जो भीतर की थकावट होती है ना, उसे भी चुपचाप धो देती हैं। और अगर इसमें पान के पत्ते मिल जाएँ, तो वो सुगंध और स्वाद ऐसा बन जाता है कि खाने वाला एक बार तो थाली चाटे बिना नहीं मानेगा। हिबिस्कस का रायता अब गर्मी के दिनों में जब दोपहर ऐसी लगती है जैसे सूरज खुद गुस्से में बैठा हो, उस वक़्त एक कटोरी ठंडी दही और उसमें हल्का खट्टा हिबिस्कस मिल जाए, तो जैसे मन को छाँव मिल जाती है। दही की ठंडक और फूल की हल्की कसैलापन दोनों मिलकर एक ऐसा स्वाद बना देते हैं जो न तो रोज़ मिलता है, और न ही भुलाया जाता है। कमल के पत्तों की हल्की भुजिया अब ये थोड़ा दक्षिण की तरफ़ की डिश है, पर जिसने एक बार खा ली, वो कहता है बस, अब यही चाहिए बार-बार। कम तेल में, ताज़ी सब्ज़ियाँ और कमल के पत्ते मिलाकर बनाई जाती है ये हल्की सी भुजिया। स्वाद में नर्म, पेट में हल्की, और देखने में इतनी सुंदर कि खुद को दोबारा परोसने से रोक नहीं पाओगे।

मुख्य व्यंजन


3. मिठाइयों और डेसर्ट में फूलों का जादू

अब सोचो ज़रा, जब गुलाब की पंखुड़ियाँ हलवे में मिल जाएँ, या कोई रंगीन फूल केक में झलक जाए, तो मिठाई खाना सिर्फ़ स्वाद का नहीं, एक एहसास का हिस्सा बन जाता है। खाने वाले फूल मिठाइयों में सिर्फ़ रंग ही नहीं भरते, वो एक ऐसी बात लाते हैं जो मन को भी मीठा कर देती है।

गुलकंद और गुलाब की जलेबी अब जलेबी तो वैसे ही सबकी प्यारी होती है, लेकिन जब उसमें गुलाब की पंखुड़ियाँ और गुलकंद मिल जाएँ, तो उसका रूप ही बदल जाता है। एक तरफ़ वह बाहर से करारी, और अंदर से नरम और महकती हुई जैसे किसी पुराने गीत की मीठी तान। गुलकंद अपने आप में ठंडक देने वाला होता है, और जब वो जलेबी में घुल जाए, तो स्वाद में ऐसी मिठास आती है कि जीभ तो खुश होती ही है, पर मन भी मुस्कुरा उठता है। लैवेंडर वाली मीठी टिक्की अब ये थोड़ा नया अंदाज़ है, थोड़ा हटकर। लैवेंडर के फूलों से बनी छोटी-छोटी मिठी टिक्कियाँ, जिनमें हर कौर में एक अलग सी सुगंध हो। इन्हें खाते ही ऐसा लगता है जैसे किसी शांत बग़ीचे में टहल रहे हो, और हवा में फूलों की ख़ुशबू बस रही हो। स्वाद में हल्की, मन को सुकून देने वाली, और इतनी नाज़ुक कि हाथ में लेते ही पिघल जाए। नीलकमल का केक ये केक कोई आम केक नहीं होता। इसमें नीलकमल का रंग ऐसा होता है जो बिना किसी रंग मिलाए ही थाली में इंद्रधनुष उतार देता है। स्वाद में सौम्य, और सेहत में गुणों से भरा। नीलकमल वैसे भी शरीर को ठंडक देता है, और जब इसे मिठास के साथ जोड़ा जाए, तो वो मिठाई न सिर्फ़ खाने के लिए, बल्कि देखने और महसूस करने के लिए भी बन जाती है।

मिठाइ


4. ड्रिंक्स और पेय पदार्थों में इस्तेमाल

अब ज़रा पीने की बात करें क्योंकि सिर्फ़ खाना ही नहीं, गिलास में भी फूल उतर आए हैं। और क्या खूब उतरते हैं। वो कहते हैं ना, जब रंग, स्वाद और सेहत तीनों एक साथ मिल जाएँ, तो वो सिर्फ़ पानी नहीं रहता, वो बन जाता है मन का सुकून। और इस सुकून को असली रंग देते हैं ये खाने वाले फूल, जो थाली के बाद अब गिलास में भी अपनी जगह बना चुके हैं।

हिबिस्कस चाय ये चाय तो सर्दियों में भी दिल को गर्मी और गर्मियों में ठंडक देने का काम करती है। हिबिस्कस चाय एकदम खट्टी-मीठी होती है, जैसे कभी-कभी ज़िंदगी में वो चटपटा ट्विस्ट आ जाता है, जिससे सारी थकान भाग जाती है। और इसका सबसे बड़ा फ़ायदा? यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखती है और साथ ही शरीर की सफाई भी करती है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरी हुई है, मतलब अंदर से चमक आ जाती है। कुछ भी बुरा नहीं है इसमें बटरफ्लाई पी का नीला जादू अब ये नीला रंग देखकर तो आप भी कहेंगे, "क्या बात है!" गर्मियों में जब हर जगह धूप जलाती है, तो बटरफ्लाई पी का नीला जादू ठंडक का एक हॉट फॉर्मूला है। जब ये फूल पानी में घुलता है, तो पूरे गिलास में नीला रंग उतर आता है। और सबसे बढ़िया बात ये है कि ये शरीर को हाइड्रेट भी करता है और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण शरीर को मजबूत भी बनाता है। इसे पीते ही आपको वो राहत मिलती है जैसे मौसम को एक नई दिशा मिल गई हो। गुलाब की लस्सी अब लस्सी का तो क्या कहना, लेकिन जब उसमें गुलाब का स्वाद जुड़ जाए, तो वह सिर्फ़ लस्सी नहीं रह जाती, एक खास किस्म की ठंडक बन जाती है। गर्मियों में जब प्यास बुझाने के लिए कुछ ठंडा चाहिए, तो गुलाब की लस्सी एक बेहतरीन ऑप्शन बन जाती है। गुलाब के फूल की ताजगी और दही की मलाईदार मिठास मिलकर पेट को ठंडक देती है और मन को भी शांति।

ड्रिंक्स

खाने योग्य फूल सिर्फ सजावट के लिए नहीं, बल्कि पोषण और स्वाद के लिए भी बेहद खास हैं। इन फूलों का इस्तेमाल मुख्य व्यंजनों, मिठाइयों और ड्रिंक्स में करने से न सिर्फ हमारे खाने का स्वाद और रंग बढ़ता है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद साबित होते हैं। खाने योग्य फूलों का उपयोग करने से हम अपने भोजन को न केवल स्वादिष्ट बना सकते हैं, बल्कि इससे जुड़ी स्वास्थ्य लाभों का भी पूरा लाभ उठा सकते हैं।


📢 क्या आपने कभी खाने योग्य फूलों का इस्तेमाल किया है? हमें कमेंट में बताएं!

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