होली स्पेशल: भारत के अलग-अलग राज्यों के खास पकवान | My Kitchen Diary

 

होली पर हर राज्य का स्वाद अनोखा!

होली न केवल रंगों का पर्व है, बल्कि यह स्वाद और पकवानों का भी त्योहार है। भारत के हर कोने में इस दिन कुछ खास और पारंपरिक व्यंजन बनते हैं, जो न सिर्फ त्योहार के जश्न को और भी बढ़ा देते हैं, बल्कि परिवार और दोस्तों के साथ बांटने का मजा भी दोगुना कर देते हैं। और सच कहूं तो, इन खास व्यंजनों के बिना होली का मजा तो जैसे अधूरा सा लगता है। तो चलिए, इस होली को और भी खास बनाने के लिए जानते हैं, भारत के विभिन्न राज्यों में बनने वाले कुछ फेमस होली स्पेशल फूड के बारे में। हर राज्य का अपना कुछ न कुछ स्पेशल होता है, जो होली के मौके पर जरूर बनता है। उत्तर भारत में जहां गुजिया और ठंडाई का ख्याल आता है, वहीं पश्चिम बंगाल में स्वादिष्ट भापे कचौरी और रसगुल्ला की मिठास अलग ही मजा देती है। वहीं महाराष्ट्र में पूरन पोली और उबले हुए चने होली की पहचान बन चुके हैं। इन व्यंजनों में ना सिर्फ रंगों की तरह अलग-अलग फ्लेवर होते हैं, बल्कि इनका हर एक बाइट त्योहार का पूरा अनुभव देता है। तो इस होली, रंगों के साथ-साथ इन स्वादिष्ट पकवानों का भी आनंद लें। परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर इन्हें खाएं, और होली के जश्न को एक नई ऊंचाई तक ले जाएं।


1. उत्तर प्रदेश - गुझिया और ठंडाई

उत्तर प्रदेश की होली में गुझिया और ठंडाई का एक विशेष महत्व है, जो न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि पूरे त्योहार की रौनक को और भी बढ़ा देते हैं। गुझिया, जो एक पारंपरिक मिठाई है, मावे और ड्रायफ्रूट्स से भरी जाती है, और इसका स्वाद हर किसी को अपना दीवाना बना देता है। खासकर होली के दौरान, ये घर-घर बनाई जाती है और इसकी खस्ता बाहरी परत और अंदर की मीठी, मावे से भरी सामग्री एकदम परफेक्ट होती है। गुझिया के हर बाइट में जो सुकून मिलता है, वो बस कुछ अलग ही होता है। इसे परिवार और दोस्तों के साथ बांटना, होली के जश्न को और भी खास बना देता है। जब आप इसे खाते हो, तो ऐसा लगता है जैसे होली की सारी मस्ती एक साथ मुंह में समा गई हो। ये मिठाई हर रंग, हर खुशी, और हर पल को सेलिब्रेट करने का तरीका बन जाती है। इसके साथ ही, ठंडाई का भी होली के मौसम में एक अहम स्थान है। ठंडाई एक ठंडा और मसालेदार पेय है, जो दूध, बादाम, सौंफ, और मसालों के साथ तैयार किया जाता है। इस पेय का जो ठंडा, मसालेदार और हल्का मीठा स्वाद होता है, वह होली के गरम दिनों में ठंडक का अहसास दिलाता है। खास बात ये है कि ठंडाई में भांग भी डाली जाती है, जो त्योहार के मूड को और भी हल्का-फुलका बना देती है। यह एक ऐसा पेय है, जो होली की मस्ती में एक नई ऊर्जा भर देता है और महफिल में रंगों के साथ अपनी खास जगह बना लेता है। जब आप ठंडाई का एक घूंट लेते हो, तो मानो आप त्योहार के हर रंग, हर खुशियों के साथ पूरी तरह से जुड़ जाते हो। तो इस होली, उत्तर प्रदेश की इन खास स्वादों का पूरा आनंद लें। गुझिया के कुरकुरेपन और ठंडाई के ठंडे, मसालेदार स्वाद के साथ, यह होली एक स्वादिष्ट और रंगीन अनुभव बन जाएगा। और हां, परिवार और दोस्तों के साथ इन मिठाइयों और पेयों का मजा और भी बढ़ जाएगा। इस बार होली को और भी खास बनाइए, क्योंकि इन व्यंजनों के बिना होली का सही जश्न अधूरा सा लगता है।

गुझिया और ठंडाई


2. बिहार - दही बड़ा और पुआ

बिहार में होली का त्योहार सिर्फ रंगों से ही नहीं, बल्कि स्वादिष्ट पकवानों से भी खास बनता है। खासतौर पर दही बड़ा और पुआ, जो बिहार के पारंपरिक और बेहद पसंदीदा व्यंजन हैं, होली के दिन हर घर में बनाए जाते हैं। दही बड़ा, जो उड़द की दाल से बनता है, को मीठे और तीखे दही और चटनी के साथ परोसा जाता है। इसका खट्टा-मीठा स्वाद ऐसा होता है कि जैसे मुंह में घुल जाए। जब यह दही बड़ा पूरी तरह से भीगी हुई दही और मसालेदार चटनी में डूबा होता है, तो हर बाइट में एक नया स्वाद का अहसास होता है। इसे खाने का आनंद सिर्फ इसके स्वाद तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि यह एक होली की पहचान बन चुका है, जो त्योहार को और भी खास बनाता है। दूसरी ओर, पुआ भी बिहार में होली पर तैयार होने वाली एक मीठी डिश है, जो आटे और गुड़ से बनाई जाती है। पुआ का स्वाद हल्का मीठा होता है, और इसका कुरकुरा बाहरी हिस्सा और मुलायम अंदरूनी हिस्सा एक बेहतरीन ट्रीट देता है। खासकर होली और अन्य त्योहारों पर पुआ बनाने की परंपरा है, और हर घर में इसकी खुशबू से त्योहार का माहौल और भी रंगीन हो जाता है। गुड़ और आटे से बनी इस मिठाई का स्वाद जितना साधारण सा लगता है, उतना ही लाजवाब होता है। जब इसे गर्मा-गर्म खाया जाता है, तो बस होली का पूरा मजा दोगुना हो जाता है। इन दोनों व्यंजनों की जो खासियत है, वो है उनका स्वाद और वह परंपरा, जो हर साल होली के साथ जुड़ी रहती है। दही बड़ा का खट्टा-मीठा फ्लेवर और पुआ का हल्का मीठा स्वाद हर होली पर एक अद्भुत अनुभव देता है। तो इस बार, जब होली के रंगों में रंग जाएं, दही बड़ा और पुआ का स्वाद भी अपने साथ लाएं। ये दोनों ही व्यंजन त्योहार की खुशी को और भी खास बना देंगे।

दही बड़ा और पुआ


3. राजस्थान - मठरी और कचौरी

राजस्थान में होली के त्योहार में मठरी और कचौरी का खास महत्व है, जो न केवल स्वाद में शानदार होते हैं, बल्कि इनका हर एक बाइट त्योहार के रंगों और खुशियों को और भी बढ़ा देता है। मठरी, जो एक कुरकुरी और नमकीन डिश होती है, मसालों और आटे से बनाई जाती है। यह पूरी तरह से ड्राई होती है, और इसे चाय के साथ खाकर होली की मस्ती का मजा दोगुना किया जाता है। मठरी का जो हल्का कुरकुरा स्वाद होता है, वो चाय के साथ एकदम परफेक्ट कॉम्बिनेशन बनता है। जब भी किसी सर्दी या गर्मी की शाम में चाय के साथ मठरी का आनंद लिया जाता है, तो वह बस किसी खास लम्हे जैसा महसूस होता है, जो होली के मौके पर और भी खास बन जाता है। कचौरी, जो उड़द की दाल और चटपटे मसालों से भरकर बनाई जाती है, राजस्थान की होली का एक अहम हिस्सा है। ये कचौरी गरम-गरम परोसी जाती है और खाने में बेहद स्वादिष्ट होती है। कचौरी की मसालेदार, चटपटी भराई, उसकी खस्ता और कुरकुरी परत के साथ एक शानदार अनुभव देती है। जब यह कचौरी गरम-गरम खाई जाती है, तो त्योहार की हर खुशी उस एक बाइट में समा जाती है। कचौरी की ताजगी और मसालेदार सामग्री होली के खास फ्लेवर को और भी बढ़ा देती है। इन दोनों व्यंजनों की जो खासियत है, वो उनकी कुरकुरी और मसालेदार विशेषताएं हैं, जो होली के दिन के खास पकवानों को एक अद्भुत अनुभव बना देती हैं। मठरी की हल्की कुरकुरी बनावट और कचौरी का मसालेदार फ्लेवर, दोनों मिलकर होली के स्वाद को और भी मजेदार बना देते हैं। तो इस होली, राजस्थान के इन खास स्वादों का पूरा आनंद लें और त्योहार को और भी स्वादिष्ट बनाएं।

मठरी और कचौरी


4. पंजाब - पिन्नी और चन्ना भटूरा

पंजाब की होली में पिन्नी और चन्ना भटूरा का स्वाद हर किसी के दिल और पेट को खुशी से भर देता है। पिन्नी, जो देसी घी, गुड़ और ड्रायफ्रूट्स से बनाई जाती है, एक ऐसी मिठाई है जो न केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है। होली के दौरान, जब ये पिन्नी तैयार होती है, तो घर-घर उसकी खुशबू फैल जाती है। इसका हल्का मीठा स्वाद और घी का भरपूर इस्तेमाल इसे खास बनाता है। पिन्नी को खाने के बाद जो ऊर्जा मिलती है, वो सच में किसी सुपरफूड से कम नहीं होती। ये मिठाई हर पंजाबी परिवार के लिए होली के दिन की एक जरूरी डिश बन जाती है, जिसे खासतौर पर मेहमानों और परिवार वालों के साथ बांटने का एक और मजेदार तरीका होता है। अब बात करते हैं चन्ना भटूरा की, जो पंजाब के होली मेन्यू का सबसे क्लासिक और स्वादिष्ट हिस्सा है। चन्ना भटूरा, जो छोले और भटूरे का आदर्श संयोजन है, होली पर खासतौर पर तैयार किया जाता है। छोले के मसालेदार स्वाद और भटूरे की नरम, हल्की सी ताजगी मिलकर इस डिश को किसी भी खास मौके के लिए परफेक्ट बना देती है। जब ये छोले और भटूरे गरम-गरम परोसे जाते हैं, तो हर पंजाबी घर में एक उत्सव का माहौल बन जाता है। चन्ना भटूरा की खुशबू और स्वाद, दोनों ही आपको हर बाइट में होली का असली मजा देता है इन दोनों व्यंजनों की जो खासियत है, वो है उनकी सादगी और स्वाद का शानदार मिश्रण। पिन्नी का हल्का मीठा और घी से भरा स्वाद ऊर्जा से भरे हर पल को परफेक्ट बनाता है, वहीं चन्ना भटूरा का मसालेदार और नरम स्वाद होली के रंगों के साथ मिलकर त्योहार को और भी खास बना देता है। तो इस होली, पंजाबी खाने का सही अनुभव लेने के लिए पिन्नी और चन्ना भटूरा जरूर ट्राई करें और त्योहार को और भी स्वादिष्ट बनाएं।

पिन्नी और चन्ना भटूरा


5. बंगाल - पाटिसप्ता और रसगुल्ला

बंगाल में होली का त्योहार रंगों के अलावा मिठाइयों से भी बेहद खास होता है। यहां के पारंपरिक पकवान, जैसे पाटिसप्टा और रसगुल्ला, होली के जश्न को और भी स्वादिष्ट बना देते हैं। पाटिसप्टा, जो चावल के आटे और गुड़ से बनी होती है, एक पतली पैनकेक जैसी मिठाई है। इसे खासतौर पर स्वादिष्ट फिलिंग के साथ लपेटा जाता है। पाटिसप्टा का हल्का मीठा स्वाद और उसकी नरम, मुलायम बनावट आपके मुंह में घुल जाती है। हर बाइट में गुड़ की मिठास और चावल के आटे की हल्की ताजगी का जो संतुलन होता है, वह बहुत ही दिलचस्प और खास होता है। खासकर होली पर पाटिसप्टा तैयार करना बंगाल में एक पारंपरिक अनुष्ठान की तरह होता है, जिसे हर घर में बड़े चाव से बनाया जाता है। अब आते हैं रसगुल्ला पर, जो बंगाल की सबसे प्रसिद्ध मिठाई है। रसगुल्ला, जो छेने से बनी रस में डूबी हुई मिठाई होती है, इसकी नमी और मिठास पूरी तरह से बंगाली संस्कृति की पहचान बन गई है। जब रसगुल्ला मुंह में डालते हैं, तो वह हर बाइट में रस से भरपूर मिठास का अहसास कराता है। इसकी नरम और स्पंजी बनावट, जिसमें रस पूरी तरह से समाया होता है, ऐसा अनुभव देती है कि जैसे हर बाइट में होली की रंगीन खुशियां घुल रही हो। इन दोनों मिठाइयों की जो खासियत है, वो है उनका हल्का मीठा स्वाद और वह पारंपरिक मिठास जो होली के दौरान और भी खास हो जाती है। पाटिसप्टा का सादा और हल्का मीठा स्वाद और रसगुल्ला की रस में डूबी मिठास हर किसी को आनंदित कर देती है। तो इस होली, बंगाल की इस खास मिठाई का पूरा लुत्फ उठाएं और त्योहार को और भी मिठा बनाएं।

पाटिसप्ता और रसगुल्ला


6. महाराष्ट्र - पूरनपोली और श्रीखंड

महाराष्ट्र की होली सिर्फ रंगों का खेल नहीं है, यार, ये एक पूरा फेस्टिवल है, जिसमें स्वाद का अपना ही रोल होता है। और जब होली की बात हो, तो पूरनपोली और श्रीखंड का जिक्र तो होना ही चाहिए। ये दोनों ही खास चीजें हैं, जो न सिर्फ होली की परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि हर घर में इनका इंतजार होता है। अब पूरनपोली, इसका नाम सुनते ही मन में एक खास सी खुशी का एहसास होता है। ये जो चना दाल और गुड़ से बनी मीठी रोटी होती है, न, ये सिर्फ खाने का नहीं, एक पूरी ट्रेडिशन का हिस्सा बन चुकी है। खासकर होली के दिन, घर में यह बनती है, और पूरे मोहल्ले में उसकी खुशबू फैल जाती है। जब तक ये रोटी घी में सेंकी ना जाए, होली का पूरा मज़ा अधूरा सा लगता है। और जब वो गरम-गरम पूरनपोली प्लेट में रखी जाती है, तो समझो कि अब बस मन भर चुका है। हल्का मीठा, दाल का टंग स्वाद, और घी की खुशबू – ये सब मिलकर होली को सच में खास बना देते हैं। अब श्रीखंड, यार, ये तो होली का हीरो है। दही और इलायची से बनी यह मिठाई कुछ ऐसी है कि हर किसी के दिल में जगह बना लेती है। मलाईदार, ठंडा, और उसमें इलायची का वो खास फ्लेवर, बस यह सब मिलाकर हर बाइट एक धमाका सा लगता है। होली में जब रंग खेलने के बाद सब मीठा खाने की तलाश में होते हैं, तो श्रीखंड एकदम परफेक्ट चॉइस बन जाता है। और जब किसी के मुंह में श्रीखंड का वो स्वाद जाता है, तो बस मन करता है और खा लिया जाए। इन दोनों का जो मेल है, न, वो होली के दिन को और भी खास बना देता है। पूरनपोली का हल्का मीठा स्वाद और श्रीखंड का वो मलाईदार इलायची वाला टेस्ट, दोनों मिलकर ऐसा आनंद देते हैं कि आप सोचते हो, बस यही तो चाहिए था इस होली में। और जब आप दोस्तों और परिवार के साथ इन चीजों का लुत्फ उठाते हो, तो हर लम्हा और भी मस्ती भरा लगता है। याद करो, होली का दिन पूरा रंगों और मजे से भरा हुआ होता है, लेकिन अगर साथ में ये मीठी चीजें टेबल पर हो, तो मानो पूरा अनुभव ही बदल जाता है। पूरनपोली और श्रीखंड के साथ, होली सच में एक फेस्टिवल बन जाती है, जो दिल से जुड़ा होता है। घर की मम्मी के हाथों का स्वाद और फिर इन दोनों चीजों के साथ चाय या कोई ड्रिंक, बस कह लो कि होली हो गई!

पूरनपोली और श्रीखंड


7. गुजरात - खमन ढोकला और फाफड़ा जलेबी

गुजरात में होली का मतलब सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं है, यार, यह तो खाने-पीने का भी एक जश्न है। और जब होली की बात हो, तो खमन ढोकला और फाफड़ा जलेबी का नाम तो खुद-ब-खुद आता है। ये दोनों डिशेस सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि होली के दिन का एक खास अनुभव देने में भी माहिर हैं। अब खमन ढोकला की बात करें, तो यह वो हल्की-फुल्की नमकीन डिश है जो हर गुजराती के दिल में बसी होती है। बेसन से बनी यह ढोकला, जो बिलकुल सॉफ्ट और स्पंजी होता है, होली पर बनाना एक परंपरा बन चुकी है। और जब यह गरम-गरम, हरी चटनी के साथ खाते हो, तो ऐसा लगता है जैसे रंगों से भरी होली में स्वाद का एक नया रंग मिल गया हो। वो हल्का नमकीन स्वाद, जो मुंह में जाते ही पिघलने लगता है, बस समझ लो कि अब होली का पूरा मजा आ गया। फिर आता है फाफड़ा जलेबी का जादू! यह संयोजन न सिर्फ गुजरात, बल्कि हर उस जगह में पॉपुलर हो गया है, जहां होली मनाई जाती है। फाफड़ा, जो एक तरह का कुरकुरा नमकीन स्नैक है, और उसके साथ मीठी जलेबी का जो कॉम्बिनेशन होता है, वो सच में एक फेस्टिव मजा देता है। फाफड़ा के हल्के नमकीन स्वाद और जलेबी के मीठे, चाशनी से भरे हुए फ्लेवर का वो जो मेल होता है न, वो किसी भी होली को खास बना देता है। यह जो कुरकुरापन और मिठास का मिक्स है, वो हर बाइट में एक नए एक्सपीरियंस जैसा लगता है। खमन ढोकला और फाफड़ा जलेबी का यह कंबो होली के दिन को सच में अलग बना देता है। खमन ढोकला का हल्का, सॉफ्ट और नमकीन स्वाद, और फाफड़ा जलेबी का मीठा और नमकीन मेल, यह दोनों मिलकर होली को और भी शानदार बना देते हैं। सोचो, सुबह-सुबह रंग खेलने के बाद अगर ये दोनों चीजें मिल जाएं, तो होली का पूरा दिन बेस्ट हो जाता है। और जब ये सब घरवालों या दोस्तों के साथ शेयर किया जाए, तो मजा ही कुछ और हो जाता है। गुजरात में होली मना रहे हो, तो खमन ढोकला और फाफड़ा जलेबी का स्वाद लेना बिलकुल मत भूलना। यह दोनों डिशेस न सिर्फ पेट भरती हैं, बल्कि दिल को भी सुकून देती हैं।

खमन ढोकला और फाफड़ा जलेबी


8. मध्य प्रदेश - मावा बाटी और भुट्टे का कीस

मध्य प्रदेश में होली का मतलब सिर्फ रंगों का खेल नहीं, यार, यह तो स्वादों का भी एक शानदार त्योहार है। और जब बात होली के खाने की होती है, तो मावा बाटी और भुट्टे का कीस का नाम आना तो जैसे एक ट्रेडिशन सा बन चुका है। ये दोनों ही व्यंजन खास होते हैं, न सिर्फ स्वाद में, बल्कि होली के दिन का मजा दोगुना कर देते हैं। मावा बाटी, यार, यह गुझिया जैसी होती है, बस थोड़ा और स्पेशल। मावे से भरी यह बाटी, जो होली के दिन तैयार की जाती है, वो इतनी हल्की और मीठी होती है कि एक बार खा लिया तो मन नहीं भरता। जब ये गरम-गरम मावा बाटी परोसी जाती है, तो उसका वो हल्का मीठा स्वाद मुंह में जाते ही एकदम दिल खुश कर देता है। यह मावे का स्वाद और उसमें घी का टच, दोनों मिलकर होली को और भी खास बना देते हैं। यह मिठास और उस खस्ता बाहरी खोल का मेल, बस यहीं तो होली का असली मजा है। अब भुट्टे का कीस की बात करते हैं। भुट्टा यानी मकई, जो मसालों और दूध के साथ पककर एक मजेदार और पौष्टिक व्यंजन बन जाता है, यह मध्य प्रदेश के हर घर में होली के दौरान बनता है। इसको जब खाया जाता है, तो वो मसालेदार स्वाद और हल्की सी मिठास मिलकर किसी काढ़ी जैसा एक्सपीरियंस देते हैं। यह तो कह सकते हैं कि भुट्टे का कीस सिर्फ पेट ही नहीं, दिल को भी सुकून दे देता है। यह जो मकई का स्वाद और उसमें दिये गए मसाले, वह पूरी तरह से होली के दिन की रंगीन मस्ती के साथ मेल खाता है। और साथ में दूध की क्रीमीनेस, यार, मजा ही आ जाता है। मावा बाटी और भुट्टे का कीस, दोनों मिलकर होली के दिन को और भी खास बना देते हैं। मावा बाटी का हल्का मीठा स्वाद और भुट्टे का कीस का मसालेदार, पौष्टिक अनुभव, यह दोनों ही स्वाद एक ऐसे तड़के की तरह होते हैं, जो होली के दिन के असली मजे को और बढ़ा देते हैं। सोचो, रंगों से भरी होली और इसके साथ अगर ये दोनों चीजें हों, तो पूरा दिन शानदार हो जाता है। अगर आप मध्य प्रदेश में होली मना रहे हो, तो मावा बाटी और भुट्टे का कीस का स्वाद लेना न भूलना। यह दो व्यंजन न केवल आपकी भूख शांत करेंगे, बल्कि होली की तासीर को और भी मजेदार बना देंगे।

मावा बाटी और भुट्टे का कीस


9. दक्षिण भारत - सेमिया पायसम और मुरुक्कु

दक्षिण भारत में होली का मतलब सिर्फ रंगों से नहीं, बल्कि खाने से भी होता है। और जब होली की बात हो, तो सेमिया पायसम और मुरुक्कु का नाम तो बिल्कुल जरूरी है। ये दोनों व्यंजन सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि होली के हर पल को खास बनाने में माहिर हैं। सेमिया पायसम, यार, यह एक तरह का मीठा हलवा जैसा होता है, जो दूध और सेवई से बनता है। जब यह गरम-गरम खाया जाता है, तो वो मलाईदार और मीठा स्वाद मुंह में जाते ही एक अद्भुत फीलिंग देता है। होली जैसे खास अवसरों पर जब यह पकवान घर में तैयार होता है, तो पूरे घर में उसकी खुशबू फैल जाती है। जब यह थोड़ा ठंडा होकर खाया जाता है, तो इसका मीठा और मलाईदार स्वाद जैसे मन को सुकून दे देता है। इस खीर का स्वाद और दूध की क्रीमीनेस, बस कुछ ऐसा है जो होली के दिन को और भी खास बना देता है। और अगर इसे थोड़ा ड्राई फ्रूट्स से सजाया जाए, तो फिर क्या कहना! अब बात करते हैं मुरुक्कु की। यार, मुरुक्कु तो वह चिपचिपा, कुरकुरा और मसालेदार स्नैक है जो हर किसी के मन को ललचाता है। यह चावल और उड़द दाल के आटे से बनता है और जब यह ताजे-ताजे तला जाता है, तो उसका वह कुरकुरा स्वाद कुछ और ही होता है। मुरुक्कु के ऊपर थोड़ी सी मसालों की झलक, और साथ में उसकी क्रिस्पी टेक्सचर, बस होली के साथ एकदम फिट बैठती है। यह जैसे एक खास तरह का चाय-बिस्कुट जैसा एक्सपीरियंस है, पर एकदम मसालेदार और मजेदार। सेमिया पायसम और मुरुक्कु का जो मेल है, वो होली के दिन को एक अलग ही मजा दे देता है। सेमिया पायसम का हल्का मीठा और मलाईदार स्वाद, और मुरुक्कु का मसालेदार, क्रिस्पी अनुभव, यह दोनों मिलकर होली को न केवल स्वाद से, बल्कि खुशियों से भी भर देते हैं। जब आप इन दोनों चीजों का आनंद लेते हो, तो ऐसा लगता है जैसे होली का हर पल एक खास पल बन गया हो। दक्षिण भारत में होली मना रहे हो, तो इन दोनों डिशेस का स्वाद लेना न भूलना। सेमिया पायसम और मुरुक्कु का यह कॉम्बो न केवल पेट को भरेगा, बल्कि मन को भी सुकून और खुशी देगा।

सेमिया पायसम और मुरुक्कु


10. असम - तिल पिठा और नारियल लड्डू

असम में होली का मतलब सिर्फ रंगों और मस्ती का नहीं है, यार, यह तो स्वाद का भी एक पूरा फेस्टिवल है। और जब होली के पकवानों की बात आती है, तो तिल पिठा और नारियल लड्डू का नाम जरूर लिया जाता है। ये दोनों मिठाईयां न केवल असम के ट्रेडिशन का हिस्सा हैं, बल्कि होली के दिन को और भी खास बना देती हैं। तिल पिठा, यार, यह एक पारंपरिक मिठाई है जो चावल और तिल से बनती है। और यह इतनी सादा, लेकिन स्वाद में इतनी गहरी होती है कि उसे खाने के बाद दिल खुश हो जाता है। तिल और चावल का यह मेल न केवल स्वाद में, बल्कि इसके टेक्सचर में भी खास होता है। तिल का हल्का सा ताजगी भरा स्वाद और चावल की नरमीयत, दोनों मिलकर एक ऐसा स्वादिष्ट अनुभव देती हैं, जो सिर्फ होली के दिन ही महसूस किया जा सकता है। जब ये तिल पिठा घर में बनता है और सब इसे मिलकर खाते हैं, तो जैसे होली का असली स्वाद उसी में छिपा होता है। अब नारियल लड्डू की बात करें, तो यह खोया और नारियल से बनी एक और दिलचस्प मिठाई है। नारियल का जो मीठा स्वाद होता है, और उस पर खोये की क्रीमीनेस, वह फ्यूजन होली के दिन को और भी लाजवाब बना देता है। जब यह लड्डू ताजे-ताजे बने होते हैं और हर बाइट में नारियल का वो मसालेदार मीठा स्वाद आता है, तो सच में कोई भी इनसे मुँह नहीं मोड़ पाता। यह लड्डू ना केवल मीठे होते हैं, बल्कि इनकी बनावट भी इतनी खास होती है, कि एक बार खा लिया तो बस मन नहीं भरता। तिल पिठा और नारियल लड्डू का जो मेल है, वह होली के दिन को और भी रंगीन और यादगार बना देता है। तिल पिठा का हल्का, लेकिन सटीक मीठा स्वाद और नारियल लड्डू की क्रीमी, नारियल वाली मिठास, यह दोनों मिलकर होली को एक अलग ही मजा दे देते हैं। सोचो, रंगों में खेलने के बाद अगर यह मिठाइयाँ मिल जाएं, तो होली और भी खास हो जाती है। तो अगर आप असम में होली मना रहे हो, तो इन दोनों स्वादिष्ट पकवानों को मिस मत करना। तिल पिठा और नारियल लड्डू न केवल खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि होली के दिन को और भी मिठा और यादगार बना देते हैं।

तिल पिठा और नारियल लड्डू


होली का त्योहार सिर्फ रंगों और खुशियों का ही नहीं, बल्कि स्वादिष्ट पकवानों का भी होता है। यानि, ये त्योहार जितना रंग-बिरंगा और मस्ती से भरा होता है, उतना ही इसका खाने-पीने का हिस्सा भी खास होता है। और जब बात होली के स्वादिष्ट पकवानों की हो, तो भारत के हर राज्य में कुछ न कुछ खास बनता है जो उस राज्य की परंपरा और स्वाद को बयां करता है। अब आप सोचिए, होली के दिन घर में अगर पूरनपोली, खमन ढोकला, तिल पिठा, या फिर सेमिया पायसम जैसे पकवान बन रहे हों, तो क्या कहने! यह पकवान न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि इनका हर बाइट एक खास अनुभव होता है। महाराष्ट्र की होली में पूरनपोली और श्रीखंड का स्वाद, गुजरात में खमन ढोकला और फाफड़ा जलेबी का मेल, मध्य प्रदेश में मावा बाटी और भुट्टे का कीस का मजा, और दक्षिण भारत में सेमिया पायसम और मुरुक्कु का जो मेल होता है, वो सब कुछ ऐसा है, जो होली को और भी खास बना देता है। यही नहीं, असम में तिल पिठा और नारियल लड्डू भी होली के दिन की एक अहम मिठाई होती है, जो त्योहार की मिठास को और भी बढ़ा देती है। हर राज्य के ये पारंपरिक व्यंजन न केवल हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं, बल्कि ये हमें हमारे घर और परिवार के करीब भी ले आते हैं। इस होली, रंगों के साथ-साथ इन स्वादिष्ट व्यंजनों का भी पूरा मजा लीजिए। त्योहार में जो स्वाद है, वो हर बार याद रहेगा।


📢 क्या आपके राज्य में होली पर कोई खास पकवान बनता है? हमें कमेंट में बताएं!

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