घर पर बनाएं होली के प्राकृतिक रंग | My Kitchen Diary

 

रंगों की होली, नेचुरल तरीके से!

होली, रंगों और खुशियों का त्योहार है। और यार, यह सिर्फ रंगों में खेलकर मस्ती करने का मौका नहीं है, बल्कि यह तो एक ऐसा पल है जब हम अपने दोस्तों, परिवार और समाज के साथ जुड़ते हैं, साथ में हंसी-खुशी बांटते हैं। लेकिन, तुमने कभी सोचा है कि इस रंगीन और मस्ती भरे दिन के बीच, जो कैमिकल वाले रंग हम बाजार से खरीदते हैं, वो हमारी त्वचा और बालों के लिए कितने नुकसानदायक हो सकते हैं? वो जो रंग होते हैं न, इनमें वो सारे केमिकल्स होते हैं, जो हमारी स्किन को जलाते हैं, बालों को डैमेज करते हैं और एलर्जी जैसी समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं। और अगर ये हमारे शरीर में चले जाएं, तो पूरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही नहीं, ये रंग पर्यावरण के लिए भी खतरनाक होते हैं। तो समझ में आता है कि हर बार हम जो मजा लेते हैं, वो बाद में सेहत और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। अगर आप इस होली पर अपनी सेहत और पर्यावरण का ख्याल रखना चाहते हो, तो क्यों न इस बार प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाए? यकीन मानो, घर पर बने प्राकृतिक रंग न सिर्फ सुरक्षित होते हैं, बल्कि इन्हें बनाना भी बहुत आसान है। और इन रंगों में कोई रसायन नहीं होता, यानी कि न कोई नुकसान और न ही कोई चिंता। तो, चलो जानते हैं कुछ टिप्स और ट्रिक्स, जिनसे आप आसानी से अपने घर में प्राकृतिक रंग बना सकते हो, जो ना सिर्फ आपकी त्वचा और बालों के लिए अच्छे होंगे, बल्कि पर्यावरण को भी बचाएंगे।


1. लाल रंग (Red Color) – चुकंदर और हिबिस्कस से

चलिए बात करते हैं कि इन शानदार प्राकृतिक रंगों को घर पर कैसे बनाया जा सकता है। सबसे पहले बात करते हैं चुकंदर की। चुकंदर को काटकर धूप में अच्छे से सुखा लें, फिर उसे पीसकर पाउडर बना लें। देखो, चुकंदर में जो प्राकृतिक लाल रंग होता है, वो होली के लिए एकदम परफेक्ट है। यह न केवल रंग में खूबसूरत होता है, बल्कि त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद है। चुकंदर में एंटीऑक्सिडेंट्स और आयरन भरपूर होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करते हैं। जब आप इसे अपनी त्वचा पर लगाते हो, तो वो एक नैतिक निखार देता है और आपको किसी भी तरह की एलर्जी का खतरा नहीं होता। यानि, यह रंग न केवल आपके चेहरे पर रंगत लाता है, बल्कि स्किन के लिए भी टॉप क्लास है। अब बात करते हैं सूखे गुड़हल (हिबिस्कस) के फूलों की। हिबिस्कस का भी एक जबरदस्त काम है। इन सूखे फूलों को पीसकर आप एक और बेहतरीन प्राकृतिक लाल रंग बना सकते हो। हिबिस्कस का इस्तेमाल तो सौंदर्य उत्पादों में भी किया जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन C और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो हमारी त्वचा को न केवल पोषण देते हैं, बल्कि उसे चमकदार भी बनाते हैं। हिबिस्कस का पाउडर और चुकंदर का पाउडर मिलाकर एक शानदार, जीवंत लाल रंग तैयार किया जा सकता है। यह रंग न सिर्फ आंखों को भाता है, बल्कि पूरी तरह से सुरक्षित भी है। लाल रंग, हमारी संस्कृति में हमेशा से खुशहाली और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। और अगर आप चुकंदर और हिबिस्कस का इस्तेमाल करते हो, तो यह न केवल आपके रंग को जीवंत बनाएगा, बल्कि त्वचा में एक नैतिक निखार भी लाएगा। इन दोनों के गुण त्वचा को पोषण देने के साथ-साथ रक्त परिसंचरण को भी बढ़ावा देते हैं, जिससे आपकी त्वचा पर एक प्राकृतिक ग्लो आ जाता है। तो इस बार होली पर जब इन प्राकृतिक रंगों से खेलेंगे, तो न केवल मस्ती और रंगों का अनुभव होगा, बल्कि आपकी त्वचा भी खुश और सुरक्षित रहेगी।

चुकंदर और हिबिस्कस


2. पीला रंग (Yellow Color) – हल्दी और बेसन से

बात करते हैं पीले रंग की। अगर आप सोच रहे हो कि इस बार होली में पीला रंग कैसे बनाया जाए, तो हल्दी से बेहतर क्या हो सकता है? हल्दी पाउडर में थोड़ा सा बेसन या आटा मिलाकर एक मुलायम पेस्ट बना लें। हल्दी तो वैसे भी प्राकृतिक रूप से पीला रंग देती है, और ये आपकी त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद है। हल्दी में जो क्यूमिनोइड्स होते हैं, वो त्वचा के संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं और साथ ही आपकी त्वचा को साफ और चमकदार बनाए रखते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि हल्दी का रंग आपकी त्वचा पर चिपकता नहीं है, और आसानी से धो भी लिया जाता है। यानि, बिना किसी टेंशन के, आप इस रंग का मजा ले सकते हो। एक और शानदार तरीका है सूखे गेंदे के फूलों से पीला रंग बनाना। गेंदे के फूल न केवल सौंदर्य के लिए, बल्कि आयुर्वेद में भी बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन फूलों में जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, वो आपकी त्वचा को ठंडक और आराम देते हैं। साथ ही, ये किसी भी प्रकार के संक्रमण से भी बचाते हैं। अगर आप सूखे गेंदे के फूलों को पीसकर पाउडर बनाते हो, तो इससे भी एक बेहतरीन पीला रंग तैयार किया जा सकता है। यह रंग न सिर्फ आंखों को भाएगा, बल्कि आपकी त्वचा को भी सुरक्षित रखेगा। पीला रंग हमेशा खुशी, उमंग और उत्साह का प्रतीक माना जाता है। हल्दी और गेंदे के फूलों का उपयोग करके न सिर्फ आप प्राकृतिक रंग हासिल करेंगे, बल्कि आपकी त्वचा भी साफ, चमकदार और मुलायम हो जाएगी। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आपकी त्वचा को आराम देते हैं, लालिमा और सूजन को कम करते हैं। तो, इस बार होली में ये पीला रंग ना सिर्फ आपकी खुशियों को बढ़ाएगा, बल्कि आपकी त्वचा को भी ध्यान रखेगा।

हल्दी और बेसन


3. हरा रंग (Green Color) – पालक और नीम से

अब बात करते हैं हरे रंग की, जो न केवल होली का एक अहम हिस्सा है, बल्कि हमारी त्वचा और सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। अगर आप सोच रहे हो कि इस बार हरा रंग कैसे बनाएं, तो पालक या धनिया के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हो। बस इन पत्तियों को सुखाकर अच्छे से पीस लो, और हरा पाउडर तैयार कर लो। पालक के पत्तों में प्राकृतिक हरा रंग होता है, जो पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके अलावा, पालक में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन A की भरपूर मात्रा होती है, जो न सिर्फ आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि आपके शरीर की सेहत को भी बेहतर बनाए रखते हैं। यानि, ये हरा रंग न केवल आंखों को भाएगा, बल्कि आपके पूरे शरीर को भी फायदा पहुंचाएगा। और हां, नीम के सूखे पत्तों से भी आप हर्बल ग्रीन कलर बना सकते हो। नीम के पत्तों में जो एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, वो आपकी त्वचा को साफ और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। अगर आपकी त्वचा पर किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन हो, तो नीम का इस्तेमाल उसे रोकने में कारगर साबित होता है। यह आपकी त्वचा को आराम देने के साथ-साथ उसे हेल्दी भी बनाए रखता है। हरे रंग के फायदे तो तुम जानते ही हो, हरा रंग शांति और संतुलन का प्रतीक माना जाता है। इस प्राकृतिक हरे रंग से बने रंग का इस्तेमाल करने से न केवल आपको सुंदर हरा रंग मिलेगा, बल्कि यह आपकी त्वचा को ठंडक और राहत भी देगा। पालक और नीम में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स आपकी त्वचा को सुरक्षित रखने और उसे स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। तो इस बार होली में हरे रंग का मजा उठाओ, जो न केवल प्राकृतिक हो, बल्कि आपकी त्वचा के लिए भी बढ़िया हो।

पालक और नीम


4. नीला रंग (Blue Color) – नीले फूलों से

नीले रंग की, तो ये रंग न केवल होली को और भी सुंदर बनाता है, बल्कि आपकी त्वचा को भी अच्छा महसूस कराता है। नीला रंग बनाने के लिए आप अपराजिता (Butterfly Pea) या जैकरेन्डा फूलों का इस्तेमाल कर सकते हो। इन फूलों को सुखाकर अच्छे से पीस लो, और फिर ये फूल जो नीला रंग देते हैं, वो बिल्कुल प्राकृतिक और खूबसूरत होता है। अपराजिता फूल का इस्तेमाल सिर्फ रंग बनाने के लिए नहीं, बल्कि आयुर्वेद में भी ताजगी और निखार बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स आपकी त्वचा को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज करते हैं, जिससे त्वचा को एक निखार और ताजगी मिलती है। तो इस नीले रंग का इस्तेमाल करने से न केवल आप अच्छा महसूस करेंगे, बल्कि आपकी त्वचा को भी कुछ खास मिलेगा। और हां, अगर आपको और भी आसानी से नीला रंग चाहिए तो इंडिगो पाउडर को पानी में घोलकर भी नीला रंग तैयार किया जा सकता है। इंडिगो पाउडर का इस्तेमाल प्राचीन काल से बालों को रंगने के लिए किया जाता रहा है, और यह बालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके पत्ते भी सेहत के लिए अच्छे होते हैं, और यह एक ऐसा प्राकृतिक रंग है जो किसी भी रासायनिक रंग से कहीं ज्यादा सुरक्षित और असरदार होता है। नीला रंग हमेशा शांति, स्थिरता और सुकून का प्रतीक माना जाता है। यह रंग मानसिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है, और यही कारण है कि ये रंग होली के त्योहार में और भी खास बन जाता है। जब आप इंडिगो और अपराजिता फूलों से बने इस नीले रंग का इस्तेमाल करते हो, तो आपको न केवल एक सुंदर नीला रंग मिलेगा, बल्कि आपकी त्वचा को भी आराम और शांति का एहसास होगा।

नीले फूल


5. नारंगी रंग (Orange Color) – केसर और गाजर से

नारंगी रंग की, जो होली के लिए एकदम परफेक्ट है। अगर आप नारंगी रंग बनाना चाहते हो, तो केसर का इस्तेमाल कर सकते हो। बस केसर को पानी में भिगोकर उसका घोल तैयार कर लो। केसर से बना रंग न केवल बहुत ही चमकदार और आकर्षक होता है, बल्कि इसमें त्वचा को निखारने के भी गुण होते हैं। यही वजह है कि केसर को प्राकृतिक रंगों में एक बहुत ही पॉपुलर ऑप्शन माना जाता है। तो, इस रंग को इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा को भी थोड़ा ग्लो मिल सकता है। अगर आप कुछ और भी आसान तरीका चाहते हो, तो गाजर के रस को पानी में मिलाकर भी नारंगी रंग बना सकते हो। गाजर में जो बीटा कैरोटीन होता है, वो त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है। ये त्वचा को पोषण देने और उसे निखारने में मदद करता है। साथ ही, गाजर का रस से बना नारंगी रंग एकदम प्राकृतिक होता है, और आपको किसी भी तरह के केमिकल से बचने का मौका मिलता है। नारंगी रंग हमेशा उत्साह, खुशी और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। और जब आप केसर और गाजर का इस्तेमाल करते हो, तो न केवल आपको एक सुंदर और प्राकृतिक नारंगी रंग मिलेगा, बल्कि आपकी त्वचा भी पोषित और चमकदार होगी। तो इस बार होली में, खुशियों और ऊर्जा से भरे इस नारंगी रंग का पूरा मजा लो, और अपनी त्वचा को भी एक छोटा सा ट्रीट दो।

केसर और गाजर


प्राकृतिक रंगों का उपयोग क्यों करें?

प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करने के तो कई फायदे हैं। सबसे पहले तो ये आपकी त्वचा को सुरक्षित रखते हैं। कैमिकल रंगों के मुकाबले, प्राकृतिक रंग आपकी त्वचा पर किसी भी तरह की जलन या एलर्जी का कारण नहीं बनते। इन रंगों में कोई हानिकारक रसायन नहीं होते, और ये आपकी त्वचा को पोषण भी देते हैं, जिससे वो स्वस्थ और ग्लोइंग रहती है। और ये सिर्फ आपकी त्वचा के लिए नहीं, बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी बेहतर होते हैं। तो, इस होली पर क्यों न कैमिकल रंगों को छोड़कर प्राकृतिक रंगों का चुनाव करें? ये न केवल आपकी त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी एक उपहार की तरह है। इन रंगों से होली मनाते हुए आप न केवल त्योहार का मजा ले सकते हो, बल्कि अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण को भी बचा सकते हो। आखिरकार, होली का मतलब सिर्फ रंगों से खेलना नहीं, बल्कि अपनी सेहत और हमारे आसपास के वातावरण का ध्यान रखना भी है। इस बार होली को सुरक्षित और खुशहाल बनाएं, और प्राकृतिक रंगों के साथ इस त्योहार का आनंद उठाएं। इस होली पर हम सब मिलकर प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें और एक स्वस्थ, सुरक्षित और मजेदार होली मनाएं!


📢 क्या आपने पहले कभी घर पर होली के रंग बनाए हैं? हमें कमेंट में बताएं!

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.