छोटी किचन को बनाएं ज्यादा व्यवस्थित और स्टाइलिश!
आपकी किचन थोड़ी छोटी है तो परेशान होने की ज़रूरत बिल्कुल नहीं है। क्योंकि साइज से ज़्यादा फर्क इस बात से पड़ता है कि उसे सेट कैसे किया गया है। थोड़ी समझदारी से अगर चीज़ें ऑर्गनाइज़ की जाएं, तो वही छोटी सी जगह भी काफ़ी काम की बन जाती है और साथ ही दिखती भी है साफ़-सुथरी और ठंडी-ठंडी सी। अब सोचो, जब हर बार तवा ढूँढने के लिए नीचे झुकना पड़े या हर डिब्बा खोल के देखना पड़े कि मसाले कहाँ हैं तो दिमाग ही गरम हो जाता है, खाना तो बाद में बनता है। इसीलिए, थोड़ा स्मार्ट स्टोरेज और मल्टी-यूज़ चीज़ें यूज़ करो वही एक चीज़ जो काम भी करे और जगह भी बचाए। जैसे कुछ टूल्स जो दो-तीन काम कर जाते हैं, या वो ट्रे जिसमें मसाले एक लाइन में मिल जाएं ऐसे छोटे-छोटे आइडिया अपनाकर न सिर्फ स्पेस बचेगा, बल्कि खाना बनाने का मज़ा भी आएगा। और हाँ, छोटी किचन को सजाने का भी अपना मजा है हर कोना काम का होता है, और कुछ भी फालतू रखने की आदत अपने आप छूट जाती है। तो चलो, अब देखते हैं कुछ आसान से टिप्स जो आपकी किचन को बना सकते हैं छोटी लेकिन पूरी तरह चोकस।
1. वर्टिकल स्टोरेज का करें इस्तेमाल
जब किचन छोटी हो, तो सबसे ज़्यादा नज़र दीवारों पर जानी चाहिए। हाँ, वही दीवारें जो अभी खाली खड़ी रहती हैं, बस टाइल्स दिखा रही होती हैं। असली गेम वहीं से शुरू होता है वर्टिकल स्पेस का। दीवार पर शेल्व्स लगाओ मतलब ये नहीं कि पूरा किचन कबाड़ जैसा दिखे, पर थोड़ी प्लानिंग से दीवारों पर हल्के-फुल्के शेल्व्स या हुक लगाकर काफी कुछ स्टोर किया जा सकता है। जैसे तवा, छलनी, या वो डब्बा जो हर दिन लगता है लेकिन जगह घेरता है सब दीवार पर टांग दो। काम भी आसान और किचन भी खुली-खुली सी लगेगी। स्पाइस रैक्स का कमाल अब मसाले तो हर भारतीय किचन की जान हैं, लेकिन डब्बों का झुंड देख के ही मूड ऑफ़ हो जाता है। एक मैग्नेटिक स्पाइस रैक लगाओ दीवार पर सारे मसाले एक जगह लाइन से लग जाएँगे और काउंटर भी खुला रहेगा। ऊपर से ढूँढने में भी मज़ा आएगा जैसे कोई छोटा सा मसाले वाला शोकेस। हैंगिंग बास्केट का जुगाड़ फल, प्याज़-आलू, या वो छोटी-छोटी चीज़ें जो हर समय इधर-उधर घूमती रहती हैं उनके लिए हैंगिंग बास्केट एकदम मस्त ऑप्शन है। ऊपर लटकेंगे, नीचे जगह खाली रहेगी और हर चीज़ को अपना घर मिल जाएगा।
2. मल्टी-फंक्शनल किचन टूल्स अपनाएं
जब किचन में ज़्यादा बर्तन रखने की गुंजाइश ना हो, तब सबसे बड़ा सहारा होते हैं मल्टी-फंक्शनल किचन टूल्स। मतलब वो चीज़ें जो एक से ज़्यादा काम कर जाएं जैसे वही रिश्तेदार जो शादी में झाड़ू भी लगा लेते हैं, और डीजे पर डांस भी कर लेते हैं। 2-इन-1 चॉपर और ग्राइंडर सोचो, एक मशीन जो सब्ज़ी भी काट दे और दाल भी पीस दे इससे बड़ी राहत क्या होगी। जगह भी बचती है और बार-बार बर्तन बदलने का झंझट भी नहीं रहता। और हाँ, किचन काउंटर भी कम भीड़भाड़ वाला लगता है वरना तो हर चीज़ पर कुछ ना कुछ पड़ा रहता है। फोल्डेबल या स्टैक करने वाले डब्बे अब ये तो असली गेमचेंजर होते हैं। जैसे ही कोई चीज़ खत्म हो, डब्बा फोल्ड करके रख दो सीधा जगह वापस मिल जाती है। और जब इस्तेमाल करना हो, खोलो और इस्तेमाल करो। सूखी चीज़ों के लिए जैसे चना, मूंगफली, या मिक्सचर सब आराम से स्टोर हो जाते हैं और एक के ऊपर एक रखने से स्पेस भी बचती है। मल्टी-यूज़ कुकवेयर वो बर्तन जिनमें एक दिन रोटी सेंकी, अगले दिन स्ट्रीमिंग कर ली और फिर कभी-कभी सूप भी बन गया। मतलब एक बर्तन, तीन काम। स्टीमर और सॉसपैन वाली जुगलबंदी सबसे हिट होती है स्टीमिंग भी हो गई और टमाटर की तरी भी उसी में बन गई।
3. पुल-आउट ड्रॉअर्स और स्लाइडिंग ट्रे
अगर किचन की जगह वैसे ही कम है, तो हर कोने का सही इस्तेमाल करना पड़ता है। और इस मामले में पुल-आउट ड्रॉअर्स और स्लाइडिंग ट्रे एकदम जुगााड़ी दोस्त जैसे हैं चुपचाप अपनी जगह पर टिके रहते हैं और जब ज़रूरत हो, तो सामने आकर सारा काम संभाल लेते हैं। सिंक के नीचे पुल-आउट ड्रॉअर अब सिंक के नीचे वाली जगह तो अक्सर यूँही खाली या बेतरतीब भरी रहती है कभी झाड़ू फँसी होती है, कभी कोई पुराना बर्तन। लेकिन अगर वहां एक स्मूद-सा पुल-आउट ड्रॉअर लगवा दो, तो वहीं पर सारे सफाई वाले सामान, स्पंज, साबुन, बर्तन धोने वाला लिक्विड सब लाइन से सज जाते हैं। एक बार खोलो, सारा सामान सामने.. फिर बंद करो, एकदम साफ-सुथरा लुक। स्लाइडिंग ट्रे का कमाल छोटे गैजेट्स जैसे हैंड ब्लेंडर, लहसुन छीलने वाली मशीन जो वैसे भी महीने में एक बार ही चलती है इन्हें ऐसे ही इधर-उधर न फेंको। एक स्लाइडिंग ट्रे लगा दो किसी कोने में, जो जरूरत पर बाहर खिसक जाए और काम हो जाने पर वापिस अंदर। जगह भी बचती है और चीज़ें भी जल्दी मिल जाती हैं। पुल-आउट पेंट्री छोटा पैकेट बड़ा धमाका अब सबके पास पेंट्री बनाने की जगह नहीं होती, लेकिन पुल-आउट पेंट्री यानी वो पतली सी स्लाइडिंग यूनिट जिसमें सारे मसाले, डिब्बे, और स्नैक्स आराम से फिट हो जाते हैं वो तो किचन में जादू कर देती है। दिखती भी नहीं जब तक ज़रूरत ना हो, और काम के वक्त एकदम हीरो जैसी एंट्री लेती है।
4. दरवाजे और कोनों का करें सही उपयोग
किचन में हर इंच की कीमत होती है, और अगर आप दरवाजे और कोनों को यूं ही छोड़ दे रहे हो तो समझो, आधी स्टोरेज तो हाथ से वैसे ही निकल रही है। लेकिन थोड़ा सा प्लानिंग और थोड़ा सा जुगाड़ लगाकर वहीं से एक्स्ट्रा जगह खींची जा सकती है। कैबिनेट के अंदर रैक अंदर की दुनिया सजा लो अब कैबिनेट्स के अंदर तो ज़्यादातर बस एक शेल्फ रहता है, और ऊपर की सारी हवा खाली जाती है। तो क्यों न छोटे-छोटे रैक लगाकर उसे भी यूज़ में ले आएं? मसाले, चाय के डब्बे, छोटे कटोरी-वटोरी सब अराम से एक-दूसरे के ऊपर बैठ सकते हैं, बिना लुका-छिपी खेले। दरवाज़े के पीछे की जगह छुपा रुस्तम किचन के दरवाज़े या कैबिनेट डोर्स के पीछे अगर एक स्लीम सा ऑर्गेनाइज़र टांग दिया जाए, तो वहां पेपर नैपकिन से लेकर मिक्सी के जार तक सब सेट हो सकते हैं। रोज़मर्रा की चीज़ें जैसे तौलिया या झाड़न भी वहीं लटका सकते हो सामने भी रहेगा और रास्ते में भी नहीं आएगा। कोनों का कमाल वो गोल-गोल घुमने वाला मैजिक हर किचन में एक-दो कोने ऐसे होते हैं जो बस दुआ कर रहे होते हैं कि कोई उन्हें याद कर ले। वहां अगर कर्नर रैक या वो घुमने वाला आलसी सुसान जैसा ट्रे रख दो, तो अचार से लेकर मूंगफली तक सब लाइन से बैठ जाएंगे, और मिलेंगे भी झटपट।
5. मैग्नेटिक और वॉल-माउंटेड होल्डर्स
किचन में हर कोई चाहता है थोड़ा क्लीन लुक, थोड़ा एक्स्ट्रा स्पेस और वो भी बिना बड़ा खर्च किए। यहीं पर काम आते हैं ये छोटे-छोटे लेकिन बड़े काम के टूल्स: मैग्नेटिक स्ट्रिप्स और वॉल-माउंटेड होल्डर्स। मैग्नेटिक स्ट्रिप्स सब कुछ एक लाइन में चाकू, चम्मच, किचन कैंची जो भी मेटल का है, उसे सीधे दीवार पर चिपका दो। कोई ड्रॉअर खोलने का झंझट नहीं, कोई ढूँढने की भागदौड़ नहीं। बस सामने दिखेगा और हाथ में आ जाएगा। और सबसे बड़ी बात, किचन का काउंटर रहेगा एकदम खाली-खुला, जैसा इंस्टा पर दिखता है ना, वैसा फील। वॉल-माउंटेड स्टोरेज दीवारें सिर्फ देखने के लिए नहीं होती दीवार पे थोड़ी सी जगह है.. वहां पे छोटा सा स्टोरेज यूनिट टांग दो, जिसमें मसाले, चाय की पुड़िया, या वो रोज़-रोज़ वाली डलिया रख सको। हर चीज़ एक नजर में दिखेगी और किचन में घूमने की स्पेस भी बनी रहेगी।
6. स्टैक करने योग्य जार और कंटेनर
किचन में जितनी चीज़ें होती हैं, अगर सब बिखरी रहें तो लग ही नहीं पाता कि खाना बनाना कोई टेरेपी है। उल्टा स्ट्रेस बन जाता है। लेकिन बस थोड़ा सा स्मार्ट खेल कंटेनर और जार के साथ और किचन का पूरा गेम बदल जाता है। ट्रांसपेरेंट जार एक नज़र, और सब समझ में आ जाए अब मान लो दाल की जगह आपने चीनी उठाई, तो क्या ही मज़ा आएगा खाने में? इसलिए ट्रांसपेरेंट जार यूज़ करो। एक नज़र में दिख जाएगा क्या रखा है। ना कोई लेबल पढ़ने का झंझट, ना ढक्कन खोलने की कसरत। समान साइज वाले कंटेनर जैसे टिफिन बॉक्स की परेड अगर कंटेनर एक जैसे हैं, तो वो एक-दूसरे के ऊपर आराम से टिक जाते हैं। ऐसे स्टैक करके रखने से किचन की अलमारी भी मॉडल हाउस जैसी लगेगी और आप खुद सोचोगे, "वाह, ये मैंने किया?" और हाँ, जब कुछ ढूंढना हो, तो एक पूरा जार मेला खोलना नहीं पड़ेगा।
7. कॉम्पैक्ट और फोल्डेबल फर्नीचर
हर किसी के पास तो राजमहल जैसी किचन नहीं होती, लेकिन मतलब ये भी नहीं कि कम स्पेस में कंफर्ट की कुर्बानी देनी पड़े। थोड़ा दिमाग लगाओ, थोड़ा फोल्डिंग टेबल लगाओ और लो, बैठने की भी जगह मिल गई और स्पेस भी बच गया। फोल्डिंग टेबल खाना खाओ, फिर गायब कर दो ये टेबल्स वैसे होते हैं जैसे पुराने ज़माने के जादूगर काम हो गया तो ग़ायब। जब खाना खाना हो, खोल लिया। खा लिया, समेट कर दीवार से सटा दिया। किचन फिर से खुला-खुला, ताज़ा-ताज़ा लगेगा। वॉल-माउंटेड डाइनिंग सेट छोटा पैकेट, बड़ा कमाल ये सेट ऐसे होते हैं जो दीवार से जुड़ जाते हैं और जगह भी नहीं घेरते। दिखने में स्टाइलिश और काम में सुपर प्रैक्टिकल। दो लोगों के लिए बिल्कुल परफेक्ट ना ज़्यादा, ना कम।
थोड़ी समझदारी, थोड़ी क्रिएटिव सोच और कुछ छोटे-छोटे बदलाव.. और आपकी वही पुरानी सी किचन एकदम नई लगने लगेगी। वर्टिकल स्पेस का इस्तेमाल हो, फोल्डेबल टेबल्स हों या स्टैक करने वाले कंटेनर हर छोटा बदलाव एक बड़ा फर्क ला सकता है। और सबसे अच्छी बात ये है कि ये सब करते हुए आप पर्यावरण का भी ध्यान रख रहे होते हैं। तो अब चाहे जगह कम हो या बजट, आपकी किचन भी बन सकती है एक परफेक्ट कॉर्नर जो दिखने में भी अच्छा हो, और रहने में भी। क्योंकि बात सिर्फ खाना बनाने की नहीं है, बात है उस स्पेस को प्यार से सजाने की, जहां हर दिन की शुरुआत होती है।
📢 क्या आपके पास भी छोटे किचन के लिए कोई खास ऑर्गनाइजिंग टिप है? हमें कमेंट में जरूर बताएं!