बेकिंग सोडा और बेकिंग पाउडर में क्या फर्क है?
जब रसोई में कुछ मीठा बनाने का मन होता है ना, जैसे कोई केक, कुकी या ब्रेड, तो एक सवाल ज़रूर आता है दिमाग में बेकिंग सोडा डालूं या बेकिंग पाउडर? अब नाम सुनने में तो लगभग एक जैसे लगते हैं, पर काम एकदम अलग। ये ऐसा ही है जैसे दो जुड़वां भाई हों, शक्ल मिलती हो लेकिन स्वभाव बिल्कुल अलग हो। सबसे पहले बात करते हैं बेकिंग सोडा की। ये अकेले कुछ नहीं करता। इसको काम करवाने के लिए किसी खट्टी चीज़ की ज़रूरत होती है जैसे नींबू का रस, दही, छाछ या सिरका। जब ये दोनों आपस में मिलते हैं, तब बनते हैं बुलबुले, और वही बुलबुले हमारे केक को फूलने में मदद करते हैं। लेकिन अगर तुमने बेकिंग सोडा बिना किसी खट्टी चीज़ के डाल दिया, तो बस समझ लो, मिठाई तो बिगड़ी ही, ऊपर से स्वाद भी कसैला हो सकता है। जैसे बिना चटनी के समोसा ना स्वाद ना मज़ा। अब बात करते हैं बेकिंग पाउडर की। ये ज़्यादा समझदार किस्म का है। इसमें पहले से ही वो खटास मिली होती है जो इसके काम आने के लिए ज़रूरी होती है। यानी तुम इसे सीधा डालो, और ये अपना काम खुद ही शुरू कर देता है। जैसे वो रिश्तेदार जो बिना कहे काम में हाथ बँटा दे। "तो फिर दोनों में से अच्छा कौन है? "तो ये ऐसा सवाल है जैसे पूछो, आम अच्छा है या लीची। दोनों का अपना समय है, अपना स्वाद है। अगर तुम्हारी रेसिपी में पहले से ही कोई खट्टी चीज़ है, तो बेकिंग सोडा सही रहेगा। लेकिन अगर कुछ खट्टा नहीं है, तो बेकिंग पाउडर का सहारा लेना पड़ेगा। और कभी-कभी दोनों को एक साथ भी मिलाया जाता है ताकि मिठाई ना ज़्यादा भारी हो, ना ज़्यादा हल्की। मतलब स्वाद में भी संतुलन और बनावट में भी। तो अगली बार जब रसोई में कुछ पकाने का सोचो, तो ये छोटी-छोटी बातें ध्यान में रखना। क्योंकि असली फर्क स्वाद में नहीं, उस सोच में होता है जो उसे बनाने के पीछे लगी होती है। और अगर पहली बार में कुछ गड़बड़ हो भी जाए, तो चिंता मत करना। हर किसी की पहली रोटी तिरछी ही होती है। सीखते-सीखते ही तो हाथ चलता है। अब बताओ, अगली मिठाई किसके लिए बन रही है? और क्या बन रहा है केक, कुकी या फिर कुछ और? चलो, मिलके रसोई को थोड़ा और मज़ेदार बनाते हैं।
1. बेकिंग सोडा क्या है? (What is Baking Soda?)
अब देखो, बेकिंग सोडा यानी खाने वाला सोडा असल में ये एक तरह का क्षारीय पदार्थ होता है। नाम भले ही भारी लगे, पर काम बड़ा सीधा-सादा और ज़रूरी होता है। जैसे ही इसे किसी खट्टी चीज़ के साथ मिलाया जाता है मतलब नींबू, दही या सिरका जैसी चीज़ें तो ये तुरन्त प्रतिक्रिया करता है। और उस प्रक्रिया में निकलती है कार्बन डाइऑक्साइड गैस। अब सोचो, ये गैस ऐसे ही नहीं निकल रही इसका भी एक काम है। ये गैस जब आटे या घोल के अंदर बनती है, तो छोटे-छोटे बुलबुले बनते हैं और वही बुलबुले फुलाव लाते हैं। मतलब अगर आपने पैनकेक का घोल बनाया और उसमें बेकिंग सोडा और दही डाला तो जैसे ही वो तवे पर जाएगा, वो गैस घोल को हल्का और फूला-फूला बना देगी। जैसे कोई कंबल हो जो हवा भरने पर गद्दा बन जाए बस वैसा ही। अब सवाल आता है, कहाँ काम आता है ये बेकिंग सोडा? तो इसका सबसे अच्छा इस्तेमाल होता है वहाँ जहाँ पहले से कोई खट्टी चीज़ मौजूद हो। जैसे: 1.कुकीज में जब आप दही या सिरका डालते हैं, 2.ब्रेड जिसमें थोड़ी सी छाछ मिली हो, 3.पैनकेक जिसमें नींबू का रस डाल दिया हो ऐसी रेसिपी में बेकिंग सोडा एकदम सटीक बैठता है। ये नहीं है कि हर जगह डाल दिया जाए। अगर खट्टी चीज़ नहीं है, तो बेकिंग सोडा अकेला क्या ही करेगा बस स्वाद बिगाड़ेगा और मिठाई चपटी रह जाएगी। तो अगली बार जब रेसिपी में बेकिंग सोडा लिखा हो, तो ज़रा ध्यान देना कहीं दही या नींबू तो साथ में है ना? अगर है, तो समझ लो खेल बन जाएगा।
2. बेकिंग पाउडर क्या है? (What is Baking Powder?)
अब आते हैं बेकिंग पाउडर की कहानी पर। अगर बेकिंग सोडा अकेले काम नहीं करता, तो बेकिंग पाउडर ऐसा साथी है जो खुद ही सब कुछ लेकर आता है यानी इसमें पहले से ही वो खट्टापन मिला होता है जो प्रतिक्रिया के लिए ज़रूरी होता है। तो रासायनिक रूप से देखें, तो इसमें होता है बेकिंग सोडा के साथ-साथ एक सूखा खट्टा तत्व भी।इसलिए इसे किसी बाहरी चीज़ की ज़रूरत नहीं पड़ती जैसे ही इसे घोल में मिलाओ, ये अपना काम शुरू कर देता है। फिर जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, यानी जब उसे गरमाहट मिलती है, तो एक बार और प्रतिक्रिया होती है। इस प्रक्रिया को कहते हैं दोहरी प्रतिक्रिया मतलब एक बार जब घोल बनाते वक्त मिलाते हो, तब गैस निकलती है और दूसरी बार जब चीज़ को गरम करने के लिए ओवन या कड़ाही में डालते हो, तब फिर से गैस निकलती है। अब ये जो दो बार गैस निकलती है न, वही तो कमाल करती है। इसी से केक, मफिन जैसी चीज़ें ऊपर तक फूल जाती हैं, एकदम नरम, हल्की और स्पंजी सी बनती हैं। जैसे इडली जब स्टीमर में जाती है, और धीरे-धीरे फूल कर कटोरी के आकार की हो जाती है बस वैसा ही। अब बात आती है, इसका इस्तेमाल कहाँ करना चाहिए? तो ज़्यादातर बेकिंग पाउडर का इस्तेमाल वहाँ होता है जहाँ घोल या आटे में पहले से कोई खट्टी चीज़ नहीं होती लेकिन फिर भी फूलाव और नरमी चाहिए। जैसे: केक, मफिन, स्पॉन्ज के जैसे हल्की मिठाइयाँ जहाँ चाहते हो कि मिठाई का आकार बड़ा हो, वो ऊपर उठे, पर बिना किसी खट्टे स्वाद के वहाँ बेकिंग पाउडर एकदम सही है। तो कुल मिलाकर बेकिंग पाउडर वो कलाकार है जो बिना ज़्यादा शोर किए, दो बार स्टेज पर आता है और दोनों बार धूम मचा देता है।
3. कौन सा कब इस्तेमाल करें? (When to Use Which?)
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4. गलत इस्तेमाल से क्या हो सकता है? (What Happens If Used Incorrectly?)
देखो, बेकिंग कोई सीधा-सपाट काम नहीं है थोड़ा सा ज्यादा या थोड़ा सा कम, और पूरा नतीजा बदल जाता है।
जैसे दाल में नमक ज़्यादा पड़ जाए तो स्वाद उड़ जाता है, वैसे ही बेकिंग में भी नाप-तौल का बड़ा गहरा खेल होता है। अब बात करें बेकिंग सोडा की अगर इसे ज़रूरत से ज़्यादा डाल दिया ना, तो समझ लो मिठाई में कड़वाहट घुल गई। ये वैसा ही है जैसे सब्ज़ी में बेकिंग सोडा गलती से गिर जाए स्वाद का कबाड़ा पक्का। क्योंकि ज़्यादा बेकिंग सोडा खाने में एक अजीब सा कसैला स्वाद छोड़ता है, जो मिठाई की मिठास का सारा मज़ा किरकिरा कर देता है।अब बारी है बेकिंग पाउडर की अगर इसे कम डाला जाए, तो फिर वो फूलाव नहीं आएगा जो आना चाहिए। केक हो या मफिन, जब पूरी तरह से न फूलें तो खाने में सख्त लगते हैं जैसे कच्चे पापड़ या रूखा इडली। ऊपर से देखने में भी लगेगा जैसे अधपका सा है ना नरमी, ना रस। अब असली चालाकी है दोनों के बीच का सही संतुलन पकड़ने में। अगर बेकिंग सोडा और बेकिंग पाउडर का अनुपात गड़बड़ा गया, तो मिठाई का टेक्सचर भी खराब हो जाएगा।फूलने की बजाय बीच से बैठ जाएगी, या फिर ऊपर से फूट जाएगी जैसे बिना ताले के टिफिन बॉक्स खुल जाए।तो सीधी सी बात ये है कि बेकिंग में ये दोनों चीज़ें ऐसे हैं जैसे रिश्ते में भरोसा और समझ ज़्यादा या कम हो जाए, तो स्वाद चला जाता है। इसलिए जब भी केक, कुकी या मफिन बनाओ, तो एक बार नाप-तौल ज़रूर देख लेना। और हां, पहली बार में अगर हाथ थोड़ा डोल भी जाए, तो परेशान मत होना हर अच्छा बेकिंग वाला, किसी न किसी खराब बैच से ही सीखता है।
5. बेकिंग सोडा और बेकिंग पाउडर को कैसे स्टोर करें? (How to Store)
बेकिंग सोडा और बेकिंग पाउडर कोई हलकी-फुलकी चीज़ नहीं है। इनका असर तो तब पड़ता है जब ये एकदम ताज़ा हों, और ठीक से संभाले गए हों। वरना समझ लो, मिठाई आधी अधूरी रह जाएगी। सबसे पहली बात – इन्हें रखें कहाँ? तो जवाब बड़ा सीधा है ठंडी और सूखी जगह पर, एयरटाइट डिब्बे में बंद करके। जैसे घर में पापड़ या मठरी रखी जाती है, नमी से बचा के बस वैसे ही। अगर डिब्बा खुला रह गया, या नमी अंदर घुस गई, तो ये धीरे-धीरे अपनी ताकत खो देते हैं। फिर चाहे जितनी अच्छी रेसिपी हो, केक फूलने की बजाय बैठ जाएगा। मतलब, मेहनत गई पानी में और मन भी खराब। अब बात आती है एक्सपायरी की। जैसे दूध खराब हो जाता है, वैसे ही बेकिंग सोडा और पाउडर भी पुराने होकर बेअसर हो जाते हैं। और कई बार दिखते तो एकदम वैसे ही हैं पाउडर जैसा पर असर जाता रहता है धीरे-धीरे। इसलिए जब भी कोई बेकिंग का प्लान हो, तो एक बार ये ज़रूर देख लो कि तारीख क्या कह रही है। एक्सपायर्ड है तो फेंको, नया लेकर आओ वरना पूरे घर में महक तो आएगी, पर मिठाई अधूरी। और एक आसान जुगाड़ भी है ताज़गी चेक करने का। थोड़ा सा बेकिंग पाउडर पानी में डालो अगर झाग उठे, मतलब सब बढ़िया है। बेकिंग सोडा को चेक करने के लिए थोड़ा सा नींबू या सिरका डाल दो बुलबुले उठने लगे तो समझ लो अभी भी दम बाकी है। तो कुल मिलाकर बात ये है बेकिंग का सामान भी उतना ही नाज़ुक होता है जितना मूड जब केक खाने का हो। अगर ठीक से रखा जाए, ताज़ा हो, तो हर बार रेसिपी सधी हुई निकलती है।
तो अब जब बेकिंग सोडा और बेकिंग पाउडर का असली फर्क अच्छे से समझ में आ गया है मतलब किसका मिज़ाज कैसा है, कब कौन फायदेमंद है, और कहाँ किसकी एंट्री ज़रूरी है तो अगली बार जब भी बेकिंग का मूड बने, तो बस नाप-तौल ध्यान से करो और सही सामग्री हाथ में रखो। क्योंकि बेकिंग कोई जादू नहीं, बस एक प्यार भरा विज्ञान है। अगर चीज़ें सही हों, तो केक ऐसे फूलता है जैसे चेहरे पर खुशी और अगर गड़बड़ हो जाए, तो वही केक बैठ भी जाता है, जैसे मूड खराब होने पर हम चुप हो जाते हैं। तो अगली बार जब ओवन गरम हो, घर में मिठास की खुशबू फैले, और आप बेकिंग ट्रे हाथ में लिए खड़े हो तो ये छोटी-छोटी बातें याद रखना। क्योंकि असली स्वाद, सही चीज़ें और थोड़ा सा दिल लगाने से ही आता है। ही सामग्री, सही समय और थोड़ा सा धैर्य यही है बेकिंग की असली रेसिपी। अब बताओ, क्या बनने वाला है अगली बार? कुछ मीठा या कुछ नया?
📢 क्या आप बेकिंग करते समय कभी गलती से गलत इंग्रीडिएंट इस्तेमाल कर चुके हैं? हमें कमेंट में बताएं!